माउंट एवरेस्ट का नाम तत्कालीन भारत के महासर्वेक्षक सर जॉर्ज एवरेस्ट के नाम पर पड़ा जिन्होंने एवरेस्ट की अवस्थिति का पता लगाया। वह 1830 से 1843 तक भारत के महासर्वेक्षक रहे। विगत में माउंट एवरेस्ट की चोटी को चोटी-15 कहा जाता था।
एवरेस्ट की स्थिति:- देशान्तर 86
°55'40" पूर्व में अक्षांश 27
°59'16" उत्तर पर्वतमाला के आस-पास के विभिन्न स्थलों के औसत मापन द्वारा 1954 में माउंट एवरेस्ट की ऊंचाई 8848 मीटर आंकी गई थी। नेशनल जियोग्राफिक सोसायटी ने GPS उपग्रह के उपयोग द्वारा 5 मई 1999 को एवरेस्ट की ऊंचाई 8850 मीटर होने की पुष्टि की है।
माउंट एवरेस्ट को तिब्बत में कोमोलंग्मा (बर्फ की देवी) तथा नेपाल में सागरमाथा (ब्रह्मांड की माता) कहते हैं। इसे पृथ्वी का तीसरा ध्रुव भी कहा जाता है।
एडमंड हिलेरी और तेनजिंग नोर्गे 1953 में माउंट एवरेस्ट की चोटी पर पहुंचे थे।
नोवांग गोम्बू प्रथम व्यक्ति है जो माउंट एवरेस्ट पर दो बार चढे। पहली बार 1 मई 1963 में (अमेरिका अभियान दल के साथ) एवं दूसरी बार 20 मई 1965 में (भारतीय अभियान दल के साथ)। नोवांग गोम्बू तेनजिंग नोरगे के भतीजे हैं।
जिम व्हीटकर प्रथम अमेरिकी हैं जिन्हें 1 मई 1963 में माउंट एवरेस्ट पर चढ़ने में सफलता प्राप्त हुई।
जुंको तबई (जापान) पहली महिला है जो माउंट एवरेस्ट पर चढ़ी (1975)।
बछेंद्री पाल पहली भारतीय महिला है जो 1984 में माउंट एवरेस्ट के शिखर पर पहुंची।
फू दोरजी प्रथम व्यक्ति है जो 9 मई 1984 को बिना ऑक्सीजन के माउंट एवरेस्ट पर चढ़ने में सफल हुए।
अप्पा शेरपा (नेपाल) सर्वाधिक 21 बार (मई 2011) एवरेस्ट पर पहुंचने में सफल हुए।
अप्पा शेरपा अपने चौथे प्रयास में पहली बार मई 1990 में न्यूजीलैंड के रॉब हॉल के नेतृत्व में एवरेस्ट पर पहुंचने पर सफल हुए थे।
विश्व में सबसे कम उम्र (13 वर्ष) में एवरेस्ट शिखर पर चढ़ने वाला पुरुष जॉर्डन रोमेरो (अमेरिका) है, जिसने 22 मई 2010 को शिखर पर चढ़ने में सफलता प्राप्त की।
विश्व में सबसे कम उम्र (13 वर्ष) में एवेरेस्ट शिखर पर चढ़ने वाली महिला मालवेथ पूर्णा (भारत, आंध्रप्रदेश) है जिसने 25 मई 2014 को शिखर पर चढ़ने में सफलता प्राप्त की।
सबसे कम उम्र (15 वर्ष) में एवरेस्ट शिखर पर चढ़ने में सफल होने वाला भारतीय पुरुष राघव जुनेजा (मुरादाबाद, उत्तर प्रदेश) है। इसने 21 मई 2013 को एवरेस्ट शिखर पर चढ़ने में सफलता प्राप्त की इसके साथ इसके स्कूल लॉरेंस के 5 बच्चे भी थे। यह विश्व की प्रथम स्कूल टीम है जिसे एवरेस्ट शिखर पर चढ़ने में सफलता प्राप्त हुई।
अर्जुन बाजपेई (नोएडा, उत्तर प्रदेश) 16 वर्ष की अवस्था में एवरेस्ट शिखर पर 13 मई 2010 को चढने में सफल हुआ।
एवरेस्ट पर्वत पर तिब्बत की ओर से चढ़ने पर उम्र सीमा की बाध्यता नहीं है।
अमेरिका के टॉम व्हाइटेकर पहले विकलांग व्यक्ति थे (कृत्रिम टांग) जो 1998 में एवरेस्ट के शिखर पर पहुंचे।